• न्तर्देशीय जल परिवहन (अजप), राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1 के माध्यम से परिवहन को अधिक मितव्ययी, विश्वसनीय, सुरक्षित व पर्यानुकूल बनाने की क्षमता रखता है। भविष्य में, यह रेल और सड़क अवसंरचना का स्थान ले सकता है, साथ ही इससे देश में रसद लागत कम होने की आशा है।

  • इस परियोजना द्वारा हल्दिया से वाराणसी तक 1500-2000 टन के जलयानों का वाणिज्यिक नौचालन हो सकेगा। परियोजना के कार्यक्षेत्र में मल्टी-मॉडल और इंटर-मॉडल टर्मिनलों जैसी विशाल अवसंरचना का विकास और अनुरक्षण करना, रोल ऑन-रोल ऑफ (रो-रो) सुविधा मुहैया कराना, नौका सेवाएं और नौचालन संबंधी सहायता प्रदान करना शामिल हैं। पर्यानुकूल पहल को बढ़ावा देने और कॉरिडोर के साथ एलएनजी बंकरिंग सुविधाओं के विकास पर भी विचार किया गया है।

  • हल्दिया से इलाहाबाद तक लगभग 1,620 किलोमीटर की लंबाई वाली गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली को राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के रूप में घोषित किया गया है जो पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश राज्यों से होकर गुजरता है।

  • विश्व बैंक की तकनीकी सहायता और निवेश द्वारा 5369.18 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय जलमार्ग -1 (एनडब्ल्यू -1) पर नौचालन की क्षमता बढ़ाने के लिए जलमार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के मार्च 2023 तक पूरा हो जाने की संभावना है।